मेरी दुनिया,तेरी दुनिया से आहत आज भी है
तेरी चाहत की चाहत मेरे दिल में आज भी है
कभी मैं कह न सका तुमसे अपने दिल की बातें
मेरे दिल में रहो ये मेरी हसरत आज भी है
दिखायी देती है जो बंद पलकों के गगन में
चमकते चाँद सी वो तेरी सूरत आज भी है
मेरी आँखों में कोई दर्द समाता नहीं अब
कि तेरी मुस्कराहट मेरे दिल में आज भी है
नहीं रहती है अब खामोश ये तन्हाइयाँ भी
तेरी उड़ती हुई जुल्फों की आहट आज भी है
ना जाने क्या हुआ है, दोस्त सब रूठे हैं मुझसे
तेरे होंठो पे मेरा नाम शायद आज भी है
- अभिषेक सिंह (ABHISHEK SINGH)